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रेडियो सिटी 91.1 FM के ‘सिटी दा गबरू’

रेडियो सिटी 91.1 FM  के सिटी दा गबरू’ के आरजे युवी से खास मुलाकात 


रेडियो सिटी 91.1 FM  के सिटी दा गबरू
के आरजे युवी से खास मुलाकात
हिंदी, पंजाबी और पंजाबियत के बीच एक छोटा सा नाम युवी
मुसीबते हमारी जिंदगी की एक सच्चाई है कोई इस बात को समझ लेता है तो कोई पूरी जिंदगी इसका रोना रोता है। जिदगी के हर मोड़ पर हमारा सामना मुसीबतो से होता है इसके बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अगर जिंदगी को मजे के साथ जीना है तो आपको जिद्दी होना पड़ेगा, आप को लड़ना पड़ेगा बशर्ते जिद इस बात को हो हाँमै यह कर सकता हूँ, क्यों मै ऐसा ही चाहता हूँ। हर आदमी में टैलेंट छुपा होता है आप में भी है, जरूरत है तो उसे पहचानने की यह कहना है रेडियो सिटी 91.1 एफएम के सिटी दा गबरू के संचालक आरजे युवीका।
दिल्ली वासियों के दिलांे में पंजाबी का एहसास कराते, हुनर के बादशाह युवी जिनका नाम 2008 के लिम्का बुक रिकार्ड में दर्ज है और फ्रूटी बाक्स और क्रिकेट लीग 2016 में कलर चैनल के आॅफीसियल कमेंटर रह चुके है। कुछ दिन पहले एक मुलकात के दौरान उनसे बातचीत करने का मौका मिला। पेश है बातचीत के कुछ अंश
युवी जी आपने यह प्रोफेशन कब और क्यों चुना?
शौक को अगर अपना प्रोफेशन बनाना हो तो इसके लिए डबल मेहनत के साथ-साथ संघर्ष भी बहुत करना पड़ता है, ये तो सभी जानते होंगे। मंै चण्डीगढ़ से हूं और 2007 मे प्रावेट रेडियो का दौर पंजाब में नया था, रेडियो पर बोलना और लोगो का मनोरंजरन करना मेरा शौक था, जब पता चला कि इसके पैसे भी मिलते है तो बस फैसला किया कि इसी को प्रोफशन बनाएंगे।
आप बहुत सारे ब्राण्ड्स के साथ जुड़े हुए है फिर आपने 91.1 FM को ही क्यों?
रेडियो सिटी 91.1 FM ने मुझे 2014 में एक पूरे पंजाबी शो के साथ दिल्ली रेडियो मार्केट में उतरने का मौका दिया उस समय दिल्लीवालों के लिए पंजाबी म्यूजिक का मतलब सिर्फ हनी सिंह था, लेकिन रेडियोसिटी के इस भरोसे और आप लोगों के साथ की वजह से सिटी दा गबरूसितंबर 2014 में आॅन-एयर होने के साथ ही हम तो जुड़े ही आप लोग भी इसके साथी बन गए।
आप स्टेट लेवल क्रिकेट के प्लेयर भी रह चुके है फिर भी आपने रेडियो जाॅकी...?
क्रिकेट हर हिन्दुस्तानी बच्चा खेलता है तो मैने भी स्कूल से शुरूआत की लेकिन क्रिकेट हमेशा से मेरा शौक रहा है बस, रेडियो जाॅकी को थोड़ा सीरियस लिया और वक्त के साथ साथ समझ भी आने लगा तो अपने पैसन को ही प्रोफेशन बना लिया लेकिन यकीन मानिये यह सब मेरे सुनने और चाहने वालो की वजह से ही संभव हो पाया।
आपने अभी तक कितने स्टेज शो किए है? और किन किन जगहों पर?
मैं पिछले दस साल से स्टेज से जुड़ा हुआ हूं, चण्डीगढ़ से हूँ इसलिए पहले वहां पर ही स्टेज शो शुरू किया। तकरीबन 500 से ज्यादा शो किये है मैने जिसमें कार्पोरेट, फैशन और प्रेस कांफ्रेस खास रहे हैं।
आप के स्वाभाव से ही लगता है कि आप काफी रौनकी हो इसकी गुरती कहां से आई ?
पंजाबी रौनकी ना हो ऐसा कैसे हो सकता है पंजाबी रौनकी तो होते ही है सर जी, हां- रही बात गुरती की शायद मेरी दादी से...अच्छा इसलिए आप दादी का जिक्र करते हो।
आपका कोई गुरू?
इस प्रोफेशन में मेरा कोई गुरू नहीं है पर आयुष्मान खुराना से शुरूआती दिनो में बहुत कुछ सीखा।
दिल्ली आने का खास कारण?
पंजाब और दिल्ली के दिलों में पंजाबियत का रिश्ता कायम करने के वास्ते दिल्ली आना पड़ा। मुझे यह शहर बहुत बढ़िया लगता है, यहां के लोग दिलदार है और आप लोगों की रेडियो इण्डस्ट्री के प्रति दिलचस्पी का बढ़ना भी एक कारण है।
आप हैण्डसम है बोलने का लहजा भी बहुत अच्छा है एक्टिंग में आने का कब से प्लान है?
अभी फिलहाल के लिए तो इस बारे में सोचना छोड़ दिया है। मेरे लिये बिना योजना की चीजें ही काम करती है बस मेहनत करते जाओ और सफर का आनन्द लेते जाओ यही मेरा जिंदगी जीने का तरीका है।
एक और सवाल आपसे, आपको देखकर या फिर बात करके लगता है कि आप बहुत जल्दी कुछ नया करने वाले हो? दिल्ली के लोगों के बारे में आप कुछ कहना चाहते हो?
नया तो वैसे रोज ही कुछ होता है ऐसा कुछ खास नही पर प्लान तो है कुछ करने का, बता नहीं, सकता क्योंकि अंतिम चरण में है। दिल्ली मेरे लिए अब एक परिवार का हिस्सा बन चुका है। इन साढ़े तीन सालों के बीच जो प्यार आप लोगो ने मुझे और पंजाबी भाषा को दिया है उसका मै तहेदिल से धन्यवाद करता हूं।
वाह दिल्ली परिवार आपका शुक्रगुजार है आपने हमे समय दिया और हम आपके सुनहरे भविष्य की कामना करते है आप हमेशा बुलंद ऊँचाईयो पर रहे।

हरीश अरोड़ा

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