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कसौली में महिला अफसर को छोड़ गए थे सारे अधिकारी, जानें घटना का पूरा हाल

कसौली में महिला अफसर को छोड़ गए थे सारे अधिकारी, जानें घटना का पूरा हाल


कब्ज़ा लेने के लिए पुलिस पहुची खाली हाथ 
''सिचुएशन बहुत टेंस है... आज काफी भारी दिन रहने वाला है'' मंगलवार को काम पर जाने से पहले ये बातें सोलन की टाउन प्लानर शैलबाला शर्मा ने अपने पति से कही. उन्हें शायद ये नहीं पता था कि वो अपने पति से आखिरी बार बात कर रही थीं.एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने कसौली के 13 होटलों के अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए थे. मंगलवार को दोपहर अवैध कब्जे हटाते वक्त होटल के एक मालिक विजय सिंह ने शैलबाला को गोली मार दी. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. आपको बता दें कि वीपी शर्मा चंबा घाट में नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ मशरूम (एनआरसीएम) में डायरेक्टर हैं और उनका बेटा डॉक्टर है. ''हालांकि गोलीबारी दोपहर में हुई थी, लेकिन इस बात के संकेत सुबह से ही मिलने लगे थे कि हालात काबू में नहीं है. 54 साल के विजय सिंह अपने तीन मंजिला गेस्ट हाउस के अवैध निर्माण को गिराने से बचाने के लिए दस्तावेज के साथ तैयार थे.विजय सिंह ने शैलबाला से बहस करते हुए कहा कि अवैध निर्माण को गिराने के आदेश गलत हैं. शैलेबाला ने विजय से कहा, "आदेश ऊपर से हैं, इसे अन्यथा न लें." सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अवैध निर्माण के चलते होटल में आने वाले मेहमानों की जान खतरे में रहती है.जब विजय को लगा कि उसके पास कोई चारा नहीं है तो उसने सुबह 9:30 बजे आत्महत्या करने की धमकी दी. मौके पर मौजूद डीएसपी ने दो सिपाही से कहा कि वो विजय को पुलिस स्टेशन ले कर जाए. लेकिन किसी कारण से, आदेश का पालन नहीं किया गया.विजय ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि उसे और समय दिया जाए. उसने अधिकारियों के पैर भी छूए. विजय ने ये माना कि बेसमेंट और टॉप फ्लोर का निर्माण अवैध था. लेकिन शैलबाला अपने आदेश पर अड़ी रही. मौके पर विजय की पत्नी और मां भी मौजूद थीं.थोड़ी ही देर में वहां के हालात बदल गए. अवैध निर्माण को गिराने आए सारे अधिकारी वहां से निकल कर दूसरे जगह पहुंच गए. यानी अब वहां सिर्फ शैलबाला, एक  पीडब्ल्यूडी अधिकारी और एक एसएचओ मौजूद थाशैलबाला जैसे ही गेस्ट हाउस की रिस्पेशन पर पहुंची विजय ने आपा खो दिया. उसने लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां दाग दीं. एक गोली महिला अधिकारी के सिर पर लगी और दूसरी छाती पर और वो मौके पर ही ढेर हो गई. इसके अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग का कर्मी भी घायल हो गया. जिसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया.मौके पर मौजूद एसएचओ ने उसे रोकने की कोशिश की थी, लेकिन एसएचओ के पास कुछ भी नहीं था. अवैध निर्माण को गिराने पहुंची 50 पुलिसकर्मियों में से कुछ ही के पास लाठियां थी. बाक़ी खाली हाथ पहुंचे थे.विजय की मां ने कहा कि उनका बेटा काफी गुस्सेल था. हाई ब्लडप्रेशर के चलते उन्हें रोकना काफी मुश्किल काम था. पुलिस ने इस संबंध में चार टीमें गठित की हैं और आरोपी की तलाश की जा रही है.

 Input from news 18 



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