भुलाने की कोशिश में दर्द बढ़ता है क्या ?
जहां हम भारत में सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों को भुलाने की कोशिश करते
है ,वही
जर्मनी में याद रखने की कोशिश रहती है, ताकि दुबारा ऐसा जुलम कभी न हो। तो क्या हम
भुलाने की कोशिश करके गलती करते आए है ?
बर्लिन अगर आप टूरिस्ट बन कर भी जाते है तो आप को याद दिलाया जाता है हर दो
कदम पर उस जुलम का ,जो हिटलर ने यहूदियों पर ढ़ाया था । सो, क्या पुराने जख्मों को
भुलाने के बदले बेहतर न होगा कि उनको याद करने की कोशिश हो,ताकि याद करने से इन
जख्मों को भरने का काम किया जाए ?
विचार अपने अपने
पुराने जख्म और
पुरानी नफरतें कम करने के लिए कुछ तो किया
ही जाना चाहिए
ही जाना चाहिए
मनुष्य की सबसे बड़ी
गलती अपने वास्तविक रूप को न पहचानना
है और यह गलती केवल खुद को जान कर ही ठीक की जा सकती है।
है और यह गलती केवल खुद को जान कर ही ठीक की जा सकती है।
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भगवान महावीर
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