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3 से 5 किलोवॉट पर बिल 75 रुपये तक बढ़ेगा, 1 किलोवॉट का 20 रुपये कम

दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग ने लगातार तीसरे साल बिजली दरों में बढ़ातरी नहीं किया लेकिन 2 किलोवॉट से अधिक लोड पर फिक्स्ड चार्ज बढ़ाने की मंजूरी दी है। इससे लोगों के बिजली बिल में थोड़ा इजाफा होगा। 3 से 5 किलोवॉट लोड वाले उपभोक्ताओं का बिल फिक्स्ड चार्ज बढऩे से 5 से 75 रुपये प्रति माह बढ़ेगा जबकि 5 किलोवॉट से अधिक लोड पर 150 से 2,000 रुपये प्रति माह की वृद्धि होगी। हालांकि 1 किलोवॉट के लिए यह चार्ज 20 घटने से 11.72 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का बिल 20 रुपये कम आएगा। 5 किलोवॉट तक छोटे वाणिज्यिक प्रतिष्ठनों को पहले 400 यूनिट खपत पर घरेलू श्रेणी में माना जाता था लेकिन अब यह सीमा हटाकर सभी को इसी श्रेणी में माना जाएगा।कृषि उपभोक्ताओं के लिए घरेलू श्रेणी सीमा 10 किलोवॉट से बढ़ाकर 20 किलोवॉट कर दी गई है। ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए 5.50 रुपये प्रति यूनिट दर तय कर इन्हें वाणिज्यिक श्रेणी की मार से निजात दी गई है। आयोग के सदस्य बी पी सिंह ने कहा कि डिस्कॉम ने वर्ष 2017-18 के लिए 22,772 करोड़ राजस्व आवश्यकता का दावा कि या था लेकिन 20,336 करोड़ के राजस्व को मंजूरी दी गई, जो मौजूदा बिजली दरों पर प्राप्त होने राजस्व 20,394 करोड़ रुपये से महज 58 करोड़ रुपये कम है। इसलिए बिजली दरों में बढ़ोतरी करने का निर्णय नहीं लिया गया। लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से पेंशन ट्रस्ट को 694 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की गई है। इसलिए इसकी पूर्ति के लिए आयोग ने 2 किलोवाट से अधिक लोड पर फिक्स चार्ज में वृद्धि की है। सिंह ने कहा डिस्कॉम का वर्ष 2014-15 तक राजस्व अंतर 11,463 करोड़ रुपये था, जो अब घटकर 9,440 करोड़ रह गया है। राजस्व अंतर की वसूली 8 फीसदी अधिभार से हो रही है। अगले तीन साल के दौरान राजस्व अंतर समाप्त होने की उम्मीद है।

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