नेता और समाज के बीच यह लोकतांत्रिक संसद
लोकतांत्रिक ढांचे की सबसे बड़ी ताकत उसे जनता की उम्मीद और उस पर जनता का भरोसा होता है. अगर लोकतांत्रिक संसद में नेता काम ही ना करें और यह जनता के सामने हो रहा हो तो इसका क्या मतलब निकाले? जिस देश में जिंदगी भर कमाने के बाद भी एक आम आदमी,एक छोटा सा घर न बना सके तो क्या उस देश में हमारे राजनेताओं को बड़े-बड़े महलों में रहने का अधिकार होना चाहिए? क्या इस परंपरा को खत्म करने का साहस इस सरकार के पास है जो नोटबंदी जैसा महापरिवर्तन एक झटके में ला सकती है तो यह छोटा सा परिवर्तन लाने में संकोच क्यों? यह कुछ ऐसे सवाल है आम जनता के ,जो सोचते हैं उन ‘राजनीति की कोठरी’ में रहने वाले राजनेताओं के बारे में जो हर साल दिन ब दिन अमीर हो रहे हैं और जिसका मकसद राजनीति में आने का एक ही होता है- पैसा कमाना. इस सरकार की लोकप्रियता और मोदी जी के ईमानदार और अच्छा राजनेता मानने के बावजूद( जो सर्वेक्षणों से) स्पष्ट रुप से दिखाई देता है फिर भी अर्थव्यवस्था में वृद्धि ना होना, क्या कारण हो सकते हैं ? आज यहां नए इतिहास लिखे जाने की बातें हो रही है, बात हो भी क्यों ना, हर सत्ता अपनी सुविधा से इतिहास को बदलने की फिराक में रहती है .अब यहां शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है अभी से ही देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं सवाल उठे भी क्यों ना, शीतकालीन सत्र अक्सर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होता रहा है लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में भी यह सत्र टाले गए हैं तो क्या किसी दूसरी पार्टी के गलत फैसले को अपने हित के लिए मान लिया जाना उचित है ? तो क्या कांग्रेस मुक्त भारत सिर्फ एक नारा ही दिया गया है.हम इस चर्चा में नहीं पड़ते की संसद का सत्र क्यों टाला गया, संसद की गरिमा को ठेस पहुंची है कि नहीं हम उस पर भी बात नहीं करते ,हां इस बार ‘जनता सेवक’ समाज के सामने क्या क्या नए उदाहरण रखेंगे कितनी बार चर्चा के दौरान संसद को बंद करना पड़ेगा क्या इन 70 सालों में सामाजिक और आर्थिक आजादी के चलते दोनों पक्ष एक दूसरे की भावनाओं की कदर करते हुए कोई नई मिसाल कायम करेंगे और अच्छे दिन, न्यू इंडिया अर्थव्यवस्था की हालत को दुरुस्त करने में मिल बैठकर कोई समाधान निकालेंगे और अच्छी राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था पर पड़े दागों पर धुलाई का काम कर सकेंगे और फिर कम से कम राजनीति के खेल में राजनीति के विरोध का मतलब सिर्फ डर की राजनीति ना हो इस बात का भी ध्यान रखने की जरूरत है
U made me think about it .....well said
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