कालेधन पर शिकंजा: अब कंपनियों के पैन और ऑडिट रिपोर्ट्स पर मोदी सरकार की नजर

आयकर विभाग और कंपनी
मामलों के मंत्रालय ने शेल कंपनियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों
के पैन और ऑडिट रिपोर्ट्स समेत अन्य आंकड़े लगातार साझा करते रहने का करार किया
है। सरकार की ओर से ये जानकारी गुरुवार को दी गई है। इस बारे में वित्त मंत्रालय की
ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस समझौते का मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, ब्लैक मनी और शेल कंपनियों द्वारा
कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर के दुरुपयोग की समस्या से निपटना है। मंत्रालय के मुताबिक, सूचना के स्वतः एवं सतत
आदान-प्रदान के लिए 6 सितंबर
को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए)
के बीच समझौता पत्र पर दस्तखत हुआ और यह समझौता उसी दिन से लागू भी हो गया। इस
समझौते के तहत टैक्स अथॉरिटीज कंपनियों की ऑडिट रिपोर्ट्स और इनकम टैक्स रिटर्न्स
की खास जानकारियों के साथ-साथ पैन डेटा भी कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के साथ
साझा करेंगे। इसके अलावा, रजिस्ट्रार
ऑफ कंपनीज में कंपनियों की ओर से दायर फाइनैंशल स्टेटमेंट्स, शेयर अलॉटमेंट के रिटर्न्स और
बैंकों से प्राप्त धन के लेनदेन की जानकारी दोनों विभागों के बीच साझा होगी। बयान
में कहा गया है, 'इस
पहल के लिए एक डेटा एक्सचेंज स्टीयरिंग ग्रुप भी गठित किया गया है जो आंकड़ों के
आदान-प्रदान की स्थिति की समीक्षा करने के लिए समय-समय पर मीटिंग करेगा और दोनों
एजेंसियों को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाएगा। समझौते के तहत देसी और देश
में काम कर रही विदेशी, दोनों
तरह की कंपनियों से जुड़ी सूचनाएं साझा की जाएंगी। ये साझेदारी जांच, निरीक्षण, अनुसंधान और कार्रवाई के मकसद से
की गई है।'
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