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तपती धरती का स्वभाव भी बिगर सकता है

तपती धरती  का स्वभाव भी बिगर सकता है
आज आप को गर्मी का अहसास तो होगा ना
आज मतलब 20.11.2018
आज मानव जो भी आपके आसपास गतिविधियां कर रहा है ,उस का सीधा असर धरती के जलवायु पर पड़ रहा है . मतलब साफ़ है - प्रकृति के साथ मनुष्यों की छेड़छाड़
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और ब्रिटेन के मौसम विभाग की माने तो मनुष्यों की इस छेड़छाड़ की वजह से धरती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और साल 2017, अल नीनो के बिना सबसे गर्म साल रहा है. इन दोनों संगठनों ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार कुल मिलाकर 2017 अब तक का दूसरा या तीसरा सबसे गर्म साल था. तकरीबन 167 साल के आंकड़ों को खंगाल कर तैयार की गई ये रिपोर्ट वाकई चिंता पैदा करने वाली है. कुदरत पर भारी पड़ रहा है इंसान  ब्रिटेन के मौसम विभाग के कार्यकारी निदेशक प्रोफ़ेसर पीटर स्टॉट का कहना है, ''इन आंकड़ों में ख़ास बात ये देखने में आई है कि साल 2017 में अल नीनो का असर नहीं था, बावजूद इसके ये सबसे गर्म सालों में से एक रहा. मतलब साफ़ है कि प्राकृतिक जलवायु प्रक्रियाओं पर अब मानवीय गतिविधियां भारी पड़ रही हैं.'' चौंकाने वाली बात तो ये है कि पिछला साल 1998 के मुकाबले भी गरम था, जबकि 1998 में धरती पर तपिश के लिए अल नीनो को जिम्मेदार ठहराया गया था. हाल ही में नासा ने अपने एक अध्ययन में दावा किया था कि अल नीनो अंटार्कटिका की सालाना दस इंच बर्फ़ पिघला रहा है.
वैज्ञानिकों कीं माने तो आज मौसम का चक्र गड़बड़ाया है और अल नीनो समंदर के गरम पानी का बहाव अंटार्कटिका की ओर कर रहा है, जिससे वहाँ बर्फ़ पिघल रही है. अल-नीनो एक ऐसी मौसमी परिस्थिति है जो प्रशांत महासागर के पूर्वी भाग यानी दक्षिणी अमरीका के तटीय भागों में महासागर के सतह पर पानी का तापमान बढ़ने की वजह से पैदा होती है. इसकी वजह से मौसम का सामान्य चक्र गड़बड़ा जाता है और बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाएँ आती हैं. चिंता इसलिए और भी बढ़ जाती है क्योंकि साल 1850 के बाद के सबसे गरम 18 सालों में से 17 साल इसी सदी के हैं. विश्व मौसम संगठन के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमर बद्दौर का कहना है, ''सबसे गरम वर्षों की रैंकिंग कोई बड़ी ख़बर नहीं है. बड़ी ख़बर और बड़ा सवाल है इसका ट्रेंड. यानी आपको इसका रुझान देखना होगा और देखना होगा कि समंदर की बर्फ जैसी अन्य जलवायु विशेषताओं पर क्या असर पड़ रहा है.''
आप और हम सब को सोचना होगा 

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