Office of Profit केस: आप विधायकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी हुई अर्जी वापस ली
क्या दिल्ली की जनता उपचुनाव के लिए तैयार
है ?
Office
of Profit केस में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय
से अपनी वह अर्जी वापस ले ली है जिसमें उन्होंने खुद को अयोग्य ठहराने की चुनाव
आयोग की सिफारिश पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। आप के विधायकों के वकील ने दिल्ली
उच्च न्यायालय को बताया कि उनकी याचिका अर्थहीन हो गई है, क्योंकि राष्ट्रपति ने
चुनाव आयोग की सिफारिश स्वीकार कर ली है। साथ ही उन्हें अयोग्य करार देने की
अधिसूचना जारी की जा चुकी है। आप विधायकों के वकील ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा
कि वह लाभ के पद मामले में 20
विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले राष्ट्रपति के आदेश का परीक्षण
करने के बाद अपील दायर करेंगे। आप ने पार्टी के 20 विधायकों की विधानसभा
सदस्यता रद्द किये जाने का ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ते हुये दिल्ली की 20 सीटों
पर उपचुनाव को ही अब एकमात्र विकल्प बताया है। आप के नेताओं की माने तो वे अयोग्य
ठहराने वाले राष्ट्रपति के आदेश को गैर-संवैधानिक और गैर-कानूनी ही मानेगे और लोगों के बीच जा कर
चीख चीख कर बताएगे कि क्या दिल्ली को इस तरह चुनावों में धकेलना ठीक है? क्या ये गंदी राजनीति नहीं है? निर्वाचन आयोग खाप पंचायत की तरह काम कर रहा वगैरा वगैरा । मन
दुःखी है। पर निराश नहीं हूं,
क्योंकि मुझे आप पर भरोसा है। यह में नहीं कह रहा सिसोदिया जी कह रहे है तो क्या यह मान ले की आम आदमी पार्टी को
भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनीतिक खेल खेलने के लिए अभी और दांव पेज सीखने होगे । वैसे
आप राजनीती करने नहीं बदलने आई थी यह भी में नहीं कह रहा इन की
विचारधारा थी इसी लिए योगेंदर यादव ,प्रशांत भूषण, कैप्टेन गोपीनाथ, SP Udeh kapoor , M S DHIR इस पार्टी के राजनीतिक खेल से दूर होते चलेगे और
शायद आने वाले दिनों में कुछ और भी .....
हरीश
अरोरा
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