देशभर में लागू हो “ दो बच्चे” की नीति : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
क्या हमारी युवा पीढ़ी तैयार है ?
क्या हमारे नेता तैयार होगे ?
सुप्रीम
कोर्ट में सोमवार दिनाँक 12/02/18 को एक जनहित याचिका दायर की गई है जिस में देश में
बढ़ती आबादी के खतरे से निपटने के
लिए “दो बच्चे” की नीति अपनाने के लिए दिशानिर्देश देने की मांग की गई है। ये याचिका वकील
शिवकुमार त्रिपाठी के माध्यम से जीवन बचाओ
आंदोलन के राष्ट्रीय
समन्वयक अनुपम वाजपेयी द्वारा दायर की गई है। इसके अगले सप्ताह सुनवाई
के लिए आने की उम्मीद है। इस याचिका में कहा गया है कि देश में प्रत्येक परिवार में
बच्चों की संख्या को दो तक सीमित कर देना चाहिए। याचिकाकर्ता ने सुझाव दिया है कि सरकार को विभिन्न कल्याणकारी लाभ सिर्फ उन लोगों को देना चाहिए जो दो बच्चों
की नीति का पालन करते हो। याचिकाकर्ता
के मुताबिक, चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है इसलिए देश में
प्राकृतिक संसाधनों जैसे कि पानी, हवा और
अनाज आदि का गंभीर दबाव
है। याचिकाकर्ता ने गरीबी, भुखमरी का हवाला देते हुए
कहा कि वन क्षेत्र भी कम हो रहा है। भारत में दुनिया का सिर्फ दो
फीसदी वन क्षेत्र है जबकि इसकी जनसंख्या दुनिया की कुल जनसंख्या की 18 फीसदी है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने चीन द्वारा जनसंख्या कम
करने के लिए एक बच्चे
के आदर्श को अपनाने का उदाहरण भी दिया । याचिका
में कहा गया, “चीन पिछले 20 साल में लगभग 300 मिलियन जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सक्षम हुआ है और वहां इसके
लिए विभिन्न तरीकों को अपनाया गया है। चीन में एक बच्चे के आदर्श मानदंडों को लागू
करने में आईयूडी शामिल हैं और जन्म नियंत्रण के रूप में न. नसबंदी और गर्भपात
शामिल हैं।” इसमें ये भी कहा गया है कि चीन
सरकार ने भी विभिन्न प्रोत्साहन, दबाव और
सजा का इस्तेमाल किया। इस नीति को लागू करने और दंपति को शादी करने में देरी करने के लिए मजबूर करने की भी
कोशिश की। जिनकी शादी
हो चुकी है और केवल एक
बच्चा है उन्हें ‘एक चाइल्ड
सर्टिफिकेट ‘और उन्हें बेहतर देखभाल के लिए
पात्र बनाना, बेहतर आवास, लंबे समय तक मातृत्व छुट्टी और अन्य लाभ भी दिए गए। इसीलिए याचिका में कहा गया है कि केंद्र को निर्देश दिया जाए कि देश में परिवारों के लिए “ दो बच्चे” के आदर्श
को अपनाने के लिए एक उपयुक्त कानून लाया जाए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि देश
में आंध्र प्रदेश, राजस्थान, ओडिसा, महाराष्ट्र और राजस्थान में पहले से ही दो बच्चे की नीति अपनाई गई है और यहां उसका लाभ भी मिला है। इसी नीति को देश भर के लिए बढाया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि राजनेताओं को इस मामले में ये नीति अपनाकर देशवासियों के सामने मिसाल पेश करनी चाहिए।
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