हाँ और ना के चलते आखिर नार्थ दिल्ली पंजाबी सोसाइटी ने मनाया वैशाखी मेला
उत्तर भारत में वैसाख महीने में आने वाला सबसे बड़ा पर्व वैशाखी का होता है
नार्थ दिल्ली पंजाबी
सोसाइटी पिछले 10 सालों से पंजाबी समाज के लिए अनेक कार्य दिल्ली के आस पास करती आ
रही
है। इस सोसाइटी का मुख्य आदेश ही पंजाबी भाईचारे
को ओर बढावा देना,समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा करना
और अपनेपन का भाव
पैदा करना था। समय के चलते हालात बदले,
लोगों की प्राथमिकता बदली और जितना काम इस
सोसाइटी को करना चाहिए था, नहीं हो सका
,यह कहना है सोसाइटी से जुड़े एक मेम्बर का । सवाल यह पैदा होता है कि
इस मिशन को पूरा केसे किया जाये ? बातें
सब करते है ,सब को बात करने का हक़ है और होना भी चाहिए लेकिन काम
तो करने से ही होगा ना, यह भी सोसाइटी के
अन्य मेंबर का ही विचार है। जो भी हो पंजाबी सोसाइटी मानती है की समाज
ने सब को बहुत कुछ दिया है,पर हमें उस से
अधिक लौटाना चाहिए और धर्म यह होना चाहिए की समाज के वंचित लोगों
को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले और देश की
प्रगति के लिए पंजाबी सोसाइटी द्वारा एक छोटा सा कार्य करना ही हमारा
मिशन हो। सामाजिक परवर्तन ,व्यवहार
और सोच में परिवर्तन से ही समाज का भला हो सकता है, यह सभी सोसाइटी
से जुड़े उन तमाम लोगों के विचार है
जिन्होंने इस सोसाइटी को बनाया है, संजोया है और समाज को कुछ देने की
हिम्मत रखते
है ।
१३ अप्रैल की शाम नार्थ दिल्ली
पंजाबी सोसाइटी द्वारा वैशाखी पर्व “वैशाखी पंजाबिया दी 2018”,The Heritage
Grand वेस्ट
दिल्ली में अपनी परंपराएँ, भाषा और पंजाबियत के रिश्ते को
कायम रखते हुए मनाया गया। पंजाबी प्रेमी फीके रंगों के
वैसाख को पीछे छोडते हुए दलजीत रंधावा के गीत और आपसी मेल मिलाप के चलते २०१८
के वैशाखी पर्व को सफलतापुर्वक
संपन्न किया।
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